मनुष्य को जब चोट लग जाती तो वो दर्द का अनुभव करता है और चिल्लाता है । अगर कोई घायल व्यक्ति हमारे सामने आता है और चिल्लाता है तो हम उसके दर्द का अनुभव करते है तथा अहसास भी करते है और घायल मनुष्य के प्रति सहानुभूति जताते है मनुष्य सर्दी गर्मी में होने वाले कष्टो को अनुभव करता है किसी भी मौसम की अधिकता को सहन नहीं कर पाता लेकिन हमारे प्यारे पंक्षी जब घायल होते है या जब हम या जब हम उन्हें अपने मनोरंजन और शिकार के लिए मरते है तब हम अपनी बेहरहमी और क्रूरता का प्रदर्सन करते है आखिर कर जिस तरह हम अपने घावो के कष्टो को महसूस करते है उसी प्रकार हमें इन पशु पंछियों के कष्टो को समझना चाहिए । इन्हें प्यार करना चाहिए । हम ये तो जानते है की अगर हम किसी अपने साथी मनुष्य से बात करे तो वो हमारी बात का उत्तर देता है मगर जब हम पसु पंछियों को बाते करते सुनते है तो हम उनकी बातो को नहीं समझ पते है लेकिन उनके चेहरों की रौनक देख कर हम ये तो समझ सकते है की वो खुश है या दुखी हम उनकी भावनाए समझते हो या न समझते हो लेकिन वो हमरे प्यार की भाषा अच्छी तरह समझते है । और वो उसका उत्तर भी प्यार से ही देते है । लेकिन ये आप पर निर्भर करता है की आप उसकी बात को समझ पते है की नहीं । जरा इक बार आप किसी पसु पंछी से प्यार से बात करके देखे या उसके ऊपर प्यार से हाथ रख कर तो देखे । आप के प्यार का जवाब आप को बड़े प्यार से देगे ये है प्यारे भोले- भाले पंछी ।
Sunday, December 20, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment